भूमि निम्नीकरण एवं मरुस्थलीकरण : सतत भूमि प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ना जरूरी - संपादकीय डेस्क
मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अभिसमय के 14वें सत्र (United Nations Convention to Combat Desertification - UNCCD COP14) की बैठक में भारत सरकार ने 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर निम्नीकृत भूमि की पुनर्बहाली के लक्ष्य की घोषणा की थी। सरकार, विभिन्न योजनाओं एवं नीतिगत प्रयासों के माध्यम से अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में बढ़ाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं तथा वर्ष 2025-26 तक 4.95 मिलियन हेक्टेयर निम्नीकृत भूमि की ही पुनर्बहाली होने की संभावना है।
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 2 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 3 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 4 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 5 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 6 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 7 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह
- 8 भारत में महिला उद्यमिता आर्थिक विकास, नवाचार एवं सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहन - महेंद्र चिलकोटी
- 9 जलवायु वित्तयन COP29 सम्मेलन में की गई प्रगति, चुनौतियां तथा भविष्य की राह डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव

- 1 स्वदेशी बीजों का संरक्षण : आधुनिक कृषि पद्धतियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 कॉप 27 सम्मेलन : जलवायु परिवर्तन संबंधी विचारणीय मुद्दे एवं भारत की प्रतिबद्धताएं - संपादकीय डेस्क
- 3 प्रौद्योगिकी विकास तथा सामाजिक परिवर्तन : आपसी अंतर्संबंध के माध्यम से विकास को बढ़ावा देना - संपादकीय डेस्क