संथाल विद्रोह के कारणों, इसके प्रभाव और बिहार के आदिवासी समाज पर इसके परिणामों का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर: संथाल विद्रोह (1855-1856), जिसे संथाल हुल भी कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी प्रतिरोध का प्रतीक है। सिद्धो और कान्हू मुर्मु के नेतृत्व में यह झारखंड के संथाल परगना से शुरू हुआ।

  • 1832-33 में अंग्रेजों ने दामिन--कोह की स्थापना कर संथालों को खेती के लिए भूमि आवंटित की थी। हालांकि, समय के साथ ब्रिटिश राज की नीतियां, जमींदारों और साहूकारों के अत्याचार और करों का बोझ बढ़ा। इन कारणों से संथाल अपनी जमीन से वंचित हो गए और गरीबी में धकेल दिए गए।
  • यह शोषण और असंतोष 1855-1856 के संथाल विद्रोह का कारण बना, जो औपनिवेशिक ....
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