कैबिनेट ने 5 नई शास्त्रीय भाषाओं को मंजूरी दी
3 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, बंगाली, असमिया, पाली और प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने को मंजूरी दी।
- भारत सरकार ने 2004 में “शास्त्रीय भाषाएँ” नामक भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का निर्णय लिया गया था।
- वर्ष 2006 में शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिये मानदंड निर्धारित किये।
- अभी तक 6 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया जा चुका है, जो निम्नलिखित प्रकार से है;
भाषा | घोषित करने का वर्ष |
तमिल | 2004 |
संस्कृत | 2005 |
तेलुगु | 2008 |
कन्नड़ | 2008 |
मलयालम | 2013 |
ओड़िया | 2014 |
शास्त्रीय भाषा का दर्जा हेतु मानदंड
|
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आन्ध्र प्रदेश में ब्राह्मी अभिलेख के साक्ष्य
- 2 16वीं शताब्दी के ताम्रपत्र अभिलेख की खोज
- 3 लोथल में NMHC के विकास को मंजूरी
- 4 ओरछा को यूनेस्को कि विश्व धरोहर सूचि में शामिल करने हेतु डोजियर
- 5 प्रथम ‘अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य महोत्सव’ का आयोजन
- 6 महात्मा गांधी की 155वीं जयंती
- 7 जर्मनी में सांची के स्तूप के पूर्वी द्वार की प्रतिकृति
- 8 सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के 100 वर्ष
- 9 कर्मा उत्सव
- 10 जिंजी किला, यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के लिए नामित