भारत में सामाजिक उद्यमिता : उदय, प्रभाव एवं संभावनाएं - महेंद्र चिलकोटी
पारंपरिक उद्यमिता के विपरीत, जो मुख्य रूप से लाभ पर केंद्रित है, सामाजिक उद्यमिता वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए सकारात्मक सामाजिक प्रभाव उत्पन्न करने को प्राथमिकता देती है। सामाजिक उद्यमी, समुदायों को प्रभावित करने वाली समस्याओं को हल करने के मिशन से प्रेरित होते हैं, जो अक्सर गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरणीय धारणीयता तथा सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों के समाधान का प्रयास करते हैं।
भारत ने हाल के वर्षों में सामाजिक उद्यमिता (Social Entrepreneurship) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। सामाजिक उद्यमी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, पर्यावरण और गरीबी उन्मूलन सहित कई मुद्दों पर कार्य कर रहे हैं। सामाजिक उद्यमिता में ....
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