बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु दिशानिर्देश
18 अक्टूबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने “सोसाइटी फॉर एनलाइटनमेंट एंड वॉलंटरी एक्शन बनाम भारत संघ” मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए 'बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006 को मजबूत करने के उद्देश्य से व्यापक दिशानिर्देश जारी किये तथा इन उपायों को लागू करने में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
- निर्णय में इस बात पर जोर दिया गया कि बाल विवाह को संबोधित करने के लिए व्यापक प्रयास रोकथाम और अभियोजन से परे होने चाहिए, और इसमें पहले से ही बाल विवाह में शामिल लोगों की मदद के लिए पर्याप्त उपाय शामिल होने चाहिए।
- इस मामले में सुप्रीम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स कार्यशाला
- 2 बच्चों एवं युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर मार्गदर्शन दस्तावेज
- 3 मातृ स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन में भारत की प्रगति को मान्यता
- 4 राष्ट्रीय पोषण माह का 7वां संस्करण
- 5 दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स मॉड्यूल लागू
- 6 LGBTQI+ समुदाय के लिए विभिन्न अंतरिम सरकारी उपाय
- 7 सहरिया जनजाति में कुपोषण
- 8 न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम के तहत 'साक्षरता' और 'पूर्ण साक्षरता'
- 9 भारत में महिलाएं एवं पुरुष 2023
- 10 जुआंग जनजाति के लिए आवास अधिकार