जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध मौलिक अधिकार
भारत में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मौलिक अधिकार मानव जीवन की रक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश पर्यावरणीय प्रभावों के प्रति संवेदनशील है और इसके लिए मजबूत कानूनी और नीतिगत ढांचे की आवश्यकता है।
महत्व
- जीवन का अधिकार: संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जलवायु परिवर्तन को जीवन के अधिकार के लिए खतरे के रूप में मान्यता देने से कानूनी ढांचे और प्रवर्तन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
- अंतर-पीढ़ीगत समानता: भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा करना सतत विकास का एक मूलभूत पहलू है।
- कमज़ोर आबादी: हाशिए पर पड़े समुदाय अक्सर जलवायु प्रभावों ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अक्षय ऊर्जा में भारत की वर्तमान उपलब्धियां
- 2 हीट वेव: कारण, प्रभाव और परिणाम
- 3 भारतीय शहरों में जलवायु संधारणीयता का विकास
- 4 भारतीय हिमालयी क्षेत्र में प्लास्टिक प्रदूषण
- 5 भारत में बांध प्रबंधन और जल सुरक्षा
- 6 शहरी बाढ़ : कारण और प्रबंधन
- 7 जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदाएं : भारत की तैयारी और चुनौतियां
- 8 हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र की भेद्यता: आपदा प्रबंधन की चुनौतियां
- 9 प्लास्टिक प्रदूषण: पर्यावरण पर प्रभाव और प्रबंधन के प्रयास
- 10 भारत में ग्रे वॉटर प्रबंधन की चुनौतियां
मुख्य विशेष
- 1 सतत विकास लक्ष्य की दिशा में भारत की प्रगति: आलोचनात्मक मूल्यांकन
- 2 सतत कृषि : कृषि वानिकी एवं शून्य बजट प्राकृतिक कृषि की भूमिका
- 3 इलेक्ट्रिक वाहन : संबद्ध समस्याएं एवं संभावित हाइब्रिड समाधान
- 4 कोयले का चरणबद्ध उन्मूलन: भारत के समक्ष चुनौतियां
- 5 बायोमास- ऊर्जा का दोहन: चुनौतियां और उपाय
- 6 भारत में हरित वित्तपोषण: पहल और चुनौतियां
- 7 पर्यावरणीय प्रभाव आकलन : खामियां और प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु आवश्यक कदम
- 8 मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता : मुख्य अनिवार्यताएं
- 9 भारत का भू-जल संसाधन : प्रबंधन चुनौतियां और पहलें
- 10 भारत में कार्बन ट्रेडिंग: चुनौतियां और अनिवार्यताएं
- 11 शहरी भारत में बढ़ता हीट स्ट्रेस
- 12 श्रम पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 13 जलवायु सेवाओं के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क: आवश्यकता, चुनौतियां और उपाय
- 14 भारत के जैव विविधता हॉटस्पॉट: प्रमुख पारिस्थितिक खतरे
- 15 भारत की शहरी आर्द्रभूमि: चुनौतियां और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
- 16 आक्रामक विदेशी प्रजातियों का खतरा: आर्थिक और पारिस्थितिक निहितार्थ
- 17 भारत के पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियां
- 18 मैंग्रोव: खतरे और संरक्षण की आवश्यकता
- 19 भारत में ब्लैक कार्बन उत्सर्जन : नियंत्रण की आवश्यकता
- 20 भारत में ग्रे वॉटर प्रबंधन की चुनौतियां
- 21 प्लास्टिक प्रदूषण: पर्यावरण पर प्रभाव और प्रबंधन के प्रयास
- 22 हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र की भेद्यता: आपदा प्रबंधन की चुनौतियां
- 23 जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदाएं : भारत की तैयारी और चुनौतियां
- 24 शहरी बाढ़ : कारण और प्रबंधन