राजद्रोह कानून को बरकरार रखने की सिफ़ारिश
24 मई, 2023 को भारत के 22वें विधि आयोग ने ‘राजद्रोह कानून के उपयोग’ के संबंध में अपनी 279वीं रिपोर्ट जारी की।
- भारत के 22वें विधि आयोग ने अपनी 279वीं रिपोर्ट में राजद्रोह (Sedition) से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (Section 124A of the IPC) को कुछ प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के साथ बरकरार रखने की सिफारिश की है।
- आयोग का कहना है कि इस प्रावधान के उपयोग के संबंध में अधिक स्पष्टता के लिए कुछ संशोधन किए जा सकते हैं।
- अवगत करा दें कि 11 मई, 2022 को एस.जी. वोम्बटकेरे बनाम भारत संघ (S.G. Vombatkere vs Union Of India) वाद ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गैर-गतिज युद्ध से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की जांच
- 2 भारतीय कानून के तहत मरणोपरांत प्रजनन पर कोई प्रतिबंध नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
- 3 बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- 4 दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय कोष (NFRD) स्थापित करने का निर्देश
- 5 ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव
- 6 कैदियों की निःशुल्क एवं समयबद्ध कानूनी सहायता : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- 7 कैदियों को जाति के आधार पर काम देना भेदभावपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट
- 8 नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार
- 9 ग्राम न्यायालयों की स्थापना की व्यवहार्यता पर चिंता: सुप्रीम कोर्ट
- 10 कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति के लिए 8 राज्यों को अवमानना नोटिस