भारत में मृदा के प्रमुख प्रकार

मृदा को सूक्ष्म चट्टान कणों/मलबे और कार्बनिक पदार्थों/ह्यूमस के मिश्रण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिससे पृथ्वी की ऊपरी परत का निर्माण होता हैः

भारतीय मृदाओं का वर्गीकरण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने देश की मृदाओं को 8 श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।

  1. जलोढ़ मृदा (Aluvial Soil): यह भारत के सर्वाधिक क्षेत्रफल (7.7 लाख वर्ग कि.मी.) पर पाई जाने वाली मृदा है। इसका विकास मुख्य रूप से गंगा-यमुना, सिंधु एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के मैदानों में हुआ है। जलोढ़ मृदा को नवीन (खादर) एवं प्राचीन (भांगर) जलोढ़ मृदा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  2. लाल मृदा (Red ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री