सुंदरबन मैंग्रोव : चरम मौसम और जल प्रदूषण के प्रति लचीलापन

हाल ही में किये गए एक अध्ययन में पाया गया है कि सुंदरबन के मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र ने चरम मौसम और प्रदूषण जैसी चुनौतियों के प्रति उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। हालांकि, इनकी स्वयं-मरम्मत क्षमता की सीमाएं भी सामने आई हैं।

  • ‘दक्षिण एशिया में सुंदरबन मैंग्रोव की मौसमीय चरम घटनाओं और मानवजनित जल प्रदूषण के प्रति सहनशीलता’ नामक शीर्षक से यह अध्ययन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER) कोलकाता, और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (ISRO), हैदराबाद के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।

मुख्य बिंदु

  • चरम मौसम के प्रति लचीलापन: सुंदरबन के मैंग्रोव चक्रवातों और तूफानों का प्रभाव ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी