अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम विनियामक निगरानी : भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - आलोक सिंह
भारत में डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और विनियामक नियंत्रण के बीच जटिल बहस छेड़ दी है। सरकारें जहां भ्रामक जानकारी पर रोक लगाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं, वहीं सेंसरशिप और राज्य के अतिरिक्त हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं। इस नाजुक संतुलन को बनाए रखना लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के साथ-साथ एक जिम्मेदार डिजिटल वातावरण को प्रोत्साहित करने के लिये आवश्यक है।
हाल ही में, एक कॉमेडी शो में की गई अभद्र टिप्पणियों के आलोक में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा यह आशंका व्यक्त की गई कि भारत ....
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