अति-वैश्वीकरण

भारत सरकार की रिपोर्ट, ‘द इंडियन इकोनॉमी-ए रिव्यू’ में भविष्यवाणी की गई है कि अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7% से अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

  • रिपोर्ट भविष्य को आकार देने वाले अग्रलिखित तीन प्रमुख रुझानों पर प्रकाश डालती हैः
    • वैश्विक विनिर्माण में अति-वैश्वीकरण (Hyperglobalization) के युग का अंत।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आगमन जो सेवा व्यापार और रोजगार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
    • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ऊर्जा संक्रमण से संबंधित चुनौती।
  • अति-वैश्वीकरण वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतर्संबंध और एकीकरण के गहन स्तर का प्रतीक है।
  • इसके अंतर्गत वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी, सूचना और ....
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