दिव्यांग व्यक्तियों का सशक्तीकरण : सामाजिक भागीदारी के लिए समावेशी वातावरण का निर्माण आवश्यक

दिव्यांगता सैद्धांतिक रूप से एक व्यापक अवधारणा है, जिसके अंतर्गत शारीरिक एवं मानसिक असमर्थता के साथ-साथ सामाजिक भागीदारी एवं कार्य निष्पादन गतिविधियों की अक्षमता को भी शामिल किया जाता है। वर्तमान समय में देश की एक बड़ी जनसंख्या दिव्यांगता से प्रभावित है। सरकार ने दिव्यांग लोगों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं चलाई हैं, किंतु सामाजिक अवहेलना तथा नीतियों के लाभों के असमान वितरण के कारण दिव्यांग व्यक्तियों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दिशा में किए गए स्वास्थ्य संबंधित शोध यह बताते हैं कि बच्चों में बाल्यावस्था के समय दिव्यांगता की पहचान करके उसे दूर करना ....

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