परीक्षा अवलोकन कला एवं संस्कृति

पर्व त्योहार

ओडिशा का ‘रज-पर्व' उत्सव

  • यह भू देवी यानी धरती माता तथा महिलाओं को समर्पित पूजा है जो तीन दिनों तक मनाया जाता है जो मिथुन संक्रांति के दिन से आरम्भ होकर अगले दो दिनों तक चलता है।
  • इसे गरमी के मौसम का अंत तथा मॉनसून के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इसमें महिलाएं सिल बट्टे की पूजा करती है। इसे महिलाओं के मासिक धर्म के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।

नुआखाई जुआर

  • यह ओडिशा राज्य प्रमुख त्योहार है जो गणेश चतुर्थी उत्सव के एक दिन बाद कृषि पर्व के रूप में जिसमें पैदा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री