व्यभिचार से संबंधित संविधान पीठ का फैसला बरकरार

  • सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में व्यभिचार (Adultery) को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाले जोसेफ शाइन बनाम भारत संघ (Joseph Shine vs Union Of India) मामले से संबंधित अपने 2018 के फैसले की समीक्षा करने से इंकार कर दिया।
  • इस प्रकार भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद ए. बोबड़े की अगुवाई वाली 5 न्यायाधीशों की समीक्षा पीठ (Review Bench) ने सितंबर 2018 के संविधान पीठ के अपने फैसले को बरकरार रखा।

व्यभिचार या एडल्टरी

  • व्यभिचार का अर्थ है "किसी विवाहित व्यक्ति तथा एक अन्य व्यक्ति जो उसका पति या उसकी पत्नी नहीं है, के बीच स्वैच्छिक यौन सम्बन्ध"।
  • वर्ष 2018 के ....
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