सेबी की वित्तीय स्वायतत्ता पर संकट

5 जुलाई, 2019 को प्रस्तुत की गयी केंद्रीय बजट 2019-20 में प्रावधान किया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को अपने सरप्लस का 75 फीसद हिस्सा हर साल भारत सरकार की संचित निधि में जमा कराना पड़ेगा। साथ ही इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि अपने सालाना खर्चों के लिए सेबी को केंद्र की अनुमति लेनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि 23 जुलाई, 2019 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की, क्योंकि इससे सेबी की वित्तीय ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री