क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का डिजिटलीकरण
हाल ही में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Banks) को वित्तीय रूप से टिकाऊ बनाने के लिए सुधारों के हिस्से के रूप में, सरकार ने उन्हें डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने के लिए कहा है।
- साथ ही सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से यह भी कहा कि वे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को उधार देकर अपने क्रेडिट आधार का और अधिक विस्तार करें।
- पहले अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में आरआरबी के संचालन की लागत निम्न थी, लेकिन वर्तमान में आरआरबी की लागत बढ़ गई है| ऐसे में सरकार चाहती है कि वे अपनी कमाई बढ़ाने की दिशा में काम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 'श्वेत क्रांति 2.0' पर मानक संचालन प्रक्रिया
- 2 महामारी निधि परियोजना
- 3 भारत के कपड़ा क्षेत्र पर व्यापार संबंधी आंकड़े
- 4 700 अरब डॉलर से अधिक का फॉरेक्स रिजर्व
- 5 बहुपक्षीय विकास बैंकों की स्थापना में ग्लोबल साउथ का योगदान
- 6 चार एनबीएफसी को ऋण देने पर रोक
- 7 खनिज सुरक्षा भागीदारी वित्त नेटवर्क
- 8 एग्रीश्योर फंड और कृषि निवेश पोर्टल का शुभारंभ
- 9 डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी
- 10 जल विद्युत परियोजनाओं हेतु बजटीय सहायता की योजना में संशोधन