भारत में पेटेंट व्यवस्था : प्रावधान, चुनौतियां एवं समाधान
अगस्त 2022 में भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) द्वारा प्रकाशित एक वर्किंग पेपर के अंतर्गत पेटेंट क्षेत्र से संबंधित कुछ विशिष्ट मुद्दों के साथ-साथ पेटेंट कार्यालय में कार्यबल की कमी की समस्या को उजागर किया गया है, जिससे पेटेंट जारी करने में देरी होती है।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत के पेटेंट कार्यालय में वर्ष 2020 में चीन के 13,000 से अधिक तथा अमेरिका के 8,000 की तुलना में परीक्षक एवं नियंत्रक (Examiners and Controllers) की संख्या मात्र 858 थी। आंकड़े यह भी बताते हैं कि देश में पेटेंट आवेदनों की संख्या वर्ष 2016-17 में 45,444 से बढ़कर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 क्वांटम प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति, लाभ एवं चुनौतियां
- 2 भारत में ई-अपशिष्ट उत्पादन कारण, प्रभाव एवं चुनौतियां
- 3 इंडियाएआई मिशन नैतिक एवं जिम्मेदार एआई संबंधी चुनौतियां एवं भारतीय प्रयास
- 4 समुद्री दूरसंचार केबलों की प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता एवं चुनौतियां
- 5 भारत-श्रीलंका संबंध हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा
- 6 जी20 शिखर सम्मेलन 2024 सहभागिता बढ़ाने हेतु समूह को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने की आवश्यकता
- 7 बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष समस्या के उन्मूलन हेतु शिक्षा एवं सामाजिक सशक्तीकरण आवश्यक
- 8 राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन कृषि के समग्र दृष्टिकोण एवं धारणीयता की ओर एक कदम
- 9 भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट मतभेद के मुद्दे एवं भविष्य की राह
- 10 भारत में भूख एवं कुपोषण की स्थिति चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक