एससी/एसटी को उप-वर्गीकृत कर सकते हैं राज्य

  • 27 अगस्त, 2020 को सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें कमजोरों से कमजोर व्यक्ति तक आरक्षण के लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों को उप-वर्गीकृत कर सकती हैं।
  • आरक्षण के भीतर आरक्षण यानी कोटे में कोटा को सही ठहराते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि आरक्षण ने आरक्षित जातियों के भीतर असमानता पैदा कर दी है।
  • आरक्षित वर्ग के भीतर "जाति संघर्ष" ने जन्म लिया है क्योंकि आरक्षण का लाभ कुछ लोगों द्वारा ही लिया जा रहा है। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आरक्षण के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री