एकल उपयोग प्लास्टिक का विकल्प
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक’ (Single-Use Plastics) का विकल्प तैयार करने का तरीका खोज लिया है। अखाद्य तेलों और कृषि अपशिष्ट से निकाले गए सेल्यूलोज को मिलाकर, शोधकर्ताओं द्वारा एक जैव-अपघट्य ‘पॉलिमर शीट’ तैयार की गयी है।
मुख्य बिंदु
- विकसित किया गया पॉलिमर शीट एकल-उपयोग प्लास्टिक का विकल्प बन सकती है, जो पर्यावरण में प्लास्टिक अपशिष्ट के जमा होने की समस्या को कम कर सकती है।
- एकल उपयोग प्लास्टिक, निपटान-योग्य प्लास्टिक का एक रूप होती है, जिसे केवल एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है। भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम प्रति वर्ष ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चक्रवात दाना
- 2 वैश्विक प्रवाल विरंजन की परिघटना
- 3 पृथ्वी को ठंडा करने हेतु जियो-इंजीनियरिंग
- 4 समुद्री हीट वेव
- 5 समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के कारण तटीय बाढ़
- 6 वायुमंडलीय नदियों का उच्च अक्षांशों की ओर स्थानान्तरण
- 7 अंटार्कटिका में बढ़ता वनस्पति आवरण
- 8 सहारा रेगिस्तान में ब्लू लैगून
- 9 भारत द्वारा ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन
- 10 फाइटोप्लैंकटन ब्लूम
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 WHO वैश्विक वायु प्रदूषण मानक
- 2 वैश्विक स्तर पर सीसा-युक्त पेट्रोल का प्रयोग समाप्त
- 3 ई-सोर्स मार्केटप्लेस
- 4 कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने वाला प्लांट
- 5 भारत में हरित ऊर्जा द्वीप
- 6 भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिजर्व
- 7 समुद्र खीरा की तस्करी
- 8 अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन
- 9 पीएफसी का पहला यूरो ग्रीन बांड