एकल उपयोग प्लास्टिक का विकल्प
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक’ (Single-Use Plastics) का विकल्प तैयार करने का तरीका खोज लिया है। अखाद्य तेलों और कृषि अपशिष्ट से निकाले गए सेल्यूलोज को मिलाकर, शोधकर्ताओं द्वारा एक जैव-अपघट्य ‘पॉलिमर शीट’ तैयार की गयी है।
मुख्य बिंदु
- विकसित किया गया पॉलिमर शीट एकल-उपयोग प्लास्टिक का विकल्प बन सकती है, जो पर्यावरण में प्लास्टिक अपशिष्ट के जमा होने की समस्या को कम कर सकती है।
- एकल उपयोग प्लास्टिक, निपटान-योग्य प्लास्टिक का एक रूप होती है, जिसे केवल एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है। भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम प्रति वर्ष ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पीएम सूर्य घर योजना की ऐतिहासिक उपलब्धि
- 2 आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु रामसर पुरस्कार 2025
- 3 कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- 4 जॉर्ज VI आइस शेल्फ के नीचे एक समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र की खोज
- 5 समुद्री घास संरक्षण: पृथ्वी की जैव विविधता का आधार
- 6 मध्य प्रदेश में घड़ियालों का संरक्षण
- 7 भारत का 58वां टाइगर रिजर्व
- 8 आईसलैंड का पहला 'मृत घोषित' ग्लेशियर: ओक्जोकुल
- 9 अंटार्कटिका के नीचे के भूदृश्य का नया मानचित्र: बेडमैप3
- 10 कश्मीर हिमालय में पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 WHO वैश्विक वायु प्रदूषण मानक
- 2 वैश्विक स्तर पर सीसा-युक्त पेट्रोल का प्रयोग समाप्त
- 3 ई-सोर्स मार्केटप्लेस
- 4 कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने वाला प्लांट
- 5 भारत में हरित ऊर्जा द्वीप
- 6 भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिजर्व
- 7 समुद्र खीरा की तस्करी
- 8 अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन
- 9 पीएफसी का पहला यूरो ग्रीन बांड