सांप्रदायिक ख़बरों का प्रसार तथा समाज में मीडिया की भूमिका

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने 2 सितंबर, 2021 को कहा कि देश में मीडिया का एक वर्ग हर चीज़ को सांप्रदायिकता के पहलू से दिखाता है तथा इससे अंततः देश की छवि खराब होगी।

  • सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया मंचों और वेब पोर्टल्स पर फर्जी खबरों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि मीडिया के एक वर्ग में दिखाई जाने वाली खबरोंमें सांप्रदायिकता का रंग होता है।

क्या था मुद्दा ?

  • तीन-न्यायाधीशों की यह पीठ फेक न्यूज़ के प्रसारण पर रोक के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
  • याचिका में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री