भारतीय न्यायिक एवं विधिक सिद्धांत अवधारणा एवं विश्लेषण
इस विशेष सामग्री में महत्वपूर्ण न्यायिक सिद्धांतों को संकलित किया गया है। संविधान तथा कानून से सम्बंधित विभिन्न अवधारणाओं की सामान्य समझ का होना प्रत्येक सिविल सेवा अभ्यर्थी के लिए आवश्यक है। प्रस्तुत सामग्री में संकलित विभिन्न अवधारणाओं को UPSC द्वारा मुख्य परीक्षा में सीधे-सीधे भी पूछा जा सकता है, साथ ही इन अवधारणाओं के आधार पर बनी समझ का प्रयोग अप्रत्यक्ष रूप से राजव्यवस्था तथा शासन संबंधी प्रश्नों के उत्तर लेखन में भी किया जा सकता है। लेख में प्रारंभिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना भी प्रदान की गयी है।
- लोकतांत्रिक देशों में संविधान एक जीवंत दस्तावेज (Living Document) की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समसामयिक प्रश्न
- 2 यूपीएसएसएससी पीईटी परीक्षा 2022
- 3 संज्ञानात्मक विकास संबंधी प्रमुख संकल्पना
- 4 भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं
- 5 प्रमुख समिति आयोग और उनकी सिफारिशें
- 6 समसामयिक प्रश्न
- 7 बिहार बी.एड. कॉमन एन्ट्रेन्स टेस्ट
- 8 भारत के 75 रामसर स्थलों की सूची
- 9 स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में 75 रामसर स्थल
- 10 समसामयिक प्रश्न
विशेष
- 1 विशेषज्ञ सलाह
- 2 सामान्य अध्ययन-IV सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (केस स्टडी-1)
- 3 सामान्य अध्ययन-IV सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (केस स्टडी-2)
- 4 आधुनिक भारत का निर्माण व्यक्तित्व तथा आंदोलनों की भूमिका
- 5 स्वतंत्र भारत के लिए संघर्ष
- 6 यूपीपीसीएस प्रारंभिकी 2021
- 7 भारत में विरासत स्थलों का प्रबंधन एवं संरक्षण
- 8 राजस्थान विशेषः टू द पॉइंट - अवस्थिति, भौतिक स्वरूप व अपवाह प्रणाली
- 9 राजस्थान विशेषः टू द पॉइंट इतिहास एवं कला संस्कृति
- 10 67वीं बीपीएससी प्रारंभिकी विशेष बिहार की अर्थव्यवस्था
- 11 सामान्य अध्ययन मुख्य परीक्षा मॉडल प्रश्न