वैश्विक मंदी एवं भारत 2008 बनाम 2019

सरकार और आरबीआई ने हाल ही में गिरती अर्थव्यवस्था को सुधारने तथा बाजार में तरलता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, नीतिगत दरों (policy rates) एवं कॉर्पाेरेट करों में कटौती की गयी है। हालांकि, ये कदम लंबे समय में अर्थव्यवस्था के लिए अल्पकालिक उपाय साबित हो सकते हैं।

12सितंबर, 2019 को ईसीबी अर्थात यूरोपीय सेंट्रल बैंक (European Central Bank - ECB) ने जमा ब्याज दरों में कमी की और यूरो क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बॉन्ड ऽरीद और प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी। ईसीबी द्वारा उठाए गए ....

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