भारत में लॉटरी, जुआ और सट्टेबाज़ी संबंधी मुद्दे
15 मार्च, 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक विवाद का निपटान करते हुए बताया कि राज्यों की विधायकाएं अपने क्षेत्र विशेष में अन्य राज्यों द्वारा आयोजित की जाने वाली लॉटरी पर कर लगा सकती हैं।
- इससे पूर्व वर्ष 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा था कि लॉटरी, जुआ और सट्टेबाज़ी (Lotteries, Gambling and Betting) ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (GST) अधिनियम, 2017 के तहत कर योग्य हैं।
निर्णय के मुख्य बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय के आधार पर यह पाया कि 'लॉटरी' को एक ‘जुआ गतिविधि’ (Gambling Activity) के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है।
- न्यायालय का मानना ....
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