क्लास नोट्स स्पेशल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Day-31)

जैव प्रौद्योगिकी

डिजाइनर बायोसेंसर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ मान्ट्रियल- कनाडा और इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से ऐसे सिंथेटिक एंटीबॉडी की खोज की गई है जो बायोसेंसर की तरह कार्य करते हैं।

  • मानव शरीर में कोशिकाएं एक लिपिड झिल्ली से घिरी रहती हैं। इस झिल्ली में पाए जाने वाले प्रोटीन अणुओं के विशिष्ट वर्ग को रिसेप्टर कहते हैं। रिसेप्टर प्रोटीन, कोशिकाओं पर लिपिड झिल्ली में सूचनाओं के संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हैं।

बायोसेंसर क्या है?

बायोसेंसर एक विश्लेषणात्मक उपकरण है, जिसका उपयोग किसी रासायनिक पदार्थ का पता लगाने के लिए किया जाता ....

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