नीलकुरिंजी, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सूचीबद्ध
हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नीलकुरिंजी (Neelakurinji) को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act 1972) की अनुसूची III में सूचीबद्ध किया है। इस तरह नीलकुरिंजी संरक्षित पौधे के रूप में सूचीबद्ध हो गया है।
- सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वर्ष 2023 से नीलकुरिंजी की खेती और उसे अपने पास रखने की अनुमति नहीं है।
- पौधे की इस प्रजाति को क्षति पहुँचाने वाले व्यत्तिफ़यों को तीन साल की कैद की सजा के साथ ही 25,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नीलकुरिंजी
- स्वरूपः इसका फूल बैंगनी- नीला (purplish blue) रंग का होता है ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पीएम सूर्य घर योजना की ऐतिहासिक उपलब्धि
- 2 आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु रामसर पुरस्कार 2025
- 3 कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- 4 जॉर्ज VI आइस शेल्फ के नीचे एक समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र की खोज
- 5 समुद्री घास संरक्षण: पृथ्वी की जैव विविधता का आधार
- 6 मध्य प्रदेश में घड़ियालों का संरक्षण
- 7 भारत का 58वां टाइगर रिजर्व
- 8 आईसलैंड का पहला 'मृत घोषित' ग्लेशियर: ओक्जोकुल
- 9 अंटार्कटिका के नीचे के भूदृश्य का नया मानचित्र: बेडमैप3
- 10 कश्मीर हिमालय में पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है