डीपफेक तथा व्युत्पन्न जोखिम : बहुआयामी विनियामक ढांचे एवं विधायी तंत्र की आवश्यकता
7 जनवरी, 2023 को ताइवान की संसद ने डीपफेक पोर्नोग्राफी (Deep fake Pornography) को नियंत्रित करने से संबंधित एक मसौदा कानून को मंजूरी प्रदान की। इसी प्रकार चीन के साइबरस्पेस प्रशासन (CAC) द्वारा भी डीप सिंथेसिस टेक्नोलॉजी के उपयोग को प्रतिबंधित करने और गलत सूचना पर अंकुश लगाने के लिये नए नियमों का निर्माण किया जा रहा है।
- परिवर्तनशील प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में डीपफेक (Deep fake) को एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। क्लाउड कंप्यूटिंग तक आसान पहुंच, सार्वजनिक अनुसंधान, एल्गोरिदम एवं प्रचुर मात्र में डेटा तथा विशाल मीडिया की उपलब्धता के कारण विभिन्न प्रकार की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट मतभेद के मुद्दे एवं भविष्य की राह
- 2 भारत में भूख एवं कुपोषण की स्थिति चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक
- 3 शंघाई सहयोग संगठन भारत के लिए रणनीतिक महत्व एवं चुनौतियां
- 4 आयुष चिकित्सा पद्धति सम्पूर्ण मानव स्वास्थ्य की कुंजी
- 5 एक राष्ट्र-एक चुनाव: बेहतर चुनावी विकल्पों की खोज में सर्वदलीय सहमति आवश्यक
- 6 पीएम ई-ड्राइव योजना चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बेहतर कदम
- 7 भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास सतत आपूर्ति तथा रणनीतिक चिताओं को संबोधित करने के लिए आवश्यक
- 8 बांग्लादेश में राजनीतिक संकट तथा भारत: द्विपक्षीय संबंधों के साथ क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा
- 9 भारत में अंग प्रत्यारोपण की स्थिति: सुगम संचालन प्रक्रिया हेतु उपयुक्त नीति की आवश्यकता
- 10 क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी महत्व, चुनौतियां एवं पहलें