1922 के पाल और दढवाव के शहीद आदिवासी
26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी में साबरकांठा के पाल और दढवाव गांव के आदिवासी शहीदों को दर्शाया गया। पाल और दढवाव के गांवों में 1922 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध करते हुए 1,200 आदिवासी नरसंहार में शहीद हो गए थे।
- गुजरात की झांकी का विषय ‘गुजरात के आदिवासी क्रांतिवीर’ था। झांकी में साबरकांठा के पोशिना तालुका के आदिवासी कलाकारों द्वारा पारंपरिक ‘गेर’ नृत्य और संगीत का भी प्रदर्शन किया गया।
- मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में, 7 मार्च, 1922 को ब्रिटिश शासकों द्वारा लगाए गए जागीरदार और रजवाड़ा से संबंधित भूमि राजस्व प्रणाली और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गांधीनगर में GIFT IFI और इनोवेशन हब का उद्घाटन
- 2 मंईयां सम्मान योजना
- 3 दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना
- 4 आलोक अराधे बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- 5 देवेंद्र कुमार दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- 6 सम्मान संजीवनी ऐप लॉन्च
- 7 राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में पार्थ योजना
- 8 स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन
- 9 बिहार के 42वें राज्यपाल
- 10 पहले खेल विश्वविद्यालय को UGC से मान्यता
राज्य परिदृश्य
- 1 छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन
- 2 गंजम जिला बाल विवाह मुक्त घोषित
- 3 देश का पहला ग्राफ़ीन इनोवेशन सेंटर
- 4 जेर्री गाँव जम्मू-कश्मीर का पहला ‘मिल्क विलेज’
- 5 आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने 13 नए जिलों के गठन को दी मंजूरी
- 6 चिंतामणि पद्य नाटकम पर प्रतिबंध
- 7 असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 2021
- 8 18वां कचाई लेमन फ़ेस्टिवल
- 9 दक्षिण मौबुआंग बना मिजोरम का पहला ओडीएफ़ प्लस गांव
- 10 नागालैंड के मोन जिले को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार
- 11 करेंट अफ़ेयर्स वनलाइनर