दर्शनशास्त्र एक वैकल्पिक विषय के रूप में
दर्शनशास्त्र ही क्यों चुनें?
- इसका पाठ्यक्रम अपेक्षाकृत संक्षिप्त है, अतः इसका रिवीजन आसान है|
- यह विषय समसामयिक घटनाओं व मुद्दों पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है|
- अन्य विषयों की तुलना में इसे कम समय (लगभग डेढ़ से दो माह) में तैयार किया जा सकता है|
- पाठ्यक्रम का विभाजन बहुत सरल है|
- विभिन्न दार्शनिकों केकथनोंका अनुसरण करना है, अतः अपनी कल्पना शक्ति के इस्तेमाल से बचा जा सकताहै|
- समय-समय पर कई उम्मीदवार इसे चुनकर अच्छी रैंक हासिल कर चुके हैं जैसे- अथर आमिर खान (2015, सेकंड रैंक)
- प्रश्न की मांग के अनुसार यदि उत्तर खूबसूरती से प्रस्तुत किया जाए तो यह अधिक अंकदायी विषय बन जाता है|
दर्शनशास्त्र वैकल्पिक ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 हिंदी माधयम के प्रतियोगियों के समक्ष चुनौतियां
- 2 साक्षात्कार की तैयारी
- 3 निबंध लेखन
- 4 क्या अभ्यर्थी को टेस्ट सीरीज जॉइन करनी चाहिए?
- 5 उत्तर लेखन शैली का विकास
- 6 प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी की रणनीति
- 7 मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति
- 8 वैकल्पिक विषय का चुनाव करना
- 9 परीक्षा के लिए नोट्स बनाना
- 10 सही सलाहकार, अधययन समूह और कोचिंग संस्थान का चुनाव कैसे करें?