सीमित देयता भागीदारी
- हाल ही में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnership-LLP) अधिनियम में संशोधन कर 12 अपराधों को ‘अपराधिक श्रेणी से बाहर’(Decriminalisation) करने का सुझाव दिया है।
प्रमुख बिंदु
- सीमित देयता भागीदारी (LLP) फर्मों के लिये व्यापार सुगमता में सुधार करने और ऋण बाज़ार से धन जुटाने के उद्देश्य से एलएलपी को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (Non-Convertible Debenture- NCD) जारी करने की अनुमति देने की भी सिफारिश की गई है।
- समय पर फाइलिंग से संबंधित कई अपराध, एलएलपीकी भागीदारी की स्थिति में बदलाव पर वार्षिक रिपोर्ट और फाइलिंग आदि जो ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 'श्वेत क्रांति 2.0' पर मानक संचालन प्रक्रिया
- 2 महामारी निधि परियोजना
- 3 भारत के कपड़ा क्षेत्र पर व्यापार संबंधी आंकड़े
- 4 700 अरब डॉलर से अधिक का फॉरेक्स रिजर्व
- 5 बहुपक्षीय विकास बैंकों की स्थापना में ग्लोबल साउथ का योगदान
- 6 चार एनबीएफसी को ऋण देने पर रोक
- 7 खनिज सुरक्षा भागीदारी वित्त नेटवर्क
- 8 एग्रीश्योर फंड और कृषि निवेश पोर्टल का शुभारंभ
- 9 डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी
- 10 जल विद्युत परियोजनाओं हेतु बजटीय सहायता की योजना में संशोधन