पदोन्नति में आरक्षण: प्रमुख वाद एवं प्रासंगिकता

  • सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी, 2021 को अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल से वर्ष 2006 के एम. नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले की प्रयोजनीयता के संबंध में राज्यों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न मुद्दों को संकलित करने के लिए कहा।
  • एम. नागराज मामले में संविधान पीठ ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए क्रीमी लेयर सिद्धांत की प्रयोजनीयता को बरकरार रखा था।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधान न्यायाधीश शरद ए. बोबडे की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कहा कि राज्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे सामान्य नहीं हैं।
  • यह मामला केंद्र सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री