इंटरनेट के जरिये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

  • उच्चतम न्यायालय ने 10 जनवरी, 2020 को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में इंटरनेट के माध्यम से भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत एक मौलिक अधिकार करार दिया। साथ ही जम्मू कश्मीर प्रशासन को केन्द्रशासित प्रदेश में प्रतिबंध संबंधी सारे आदेशों की एक सप्ताह के भीतर समीक्षा करने का निर्देश दिया।
  • न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति बीआर गवई एवं न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ द्वारा यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद राज्य में लगाये गये तमाम प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिया गया।

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