राज्य के अनुपात में केंद्र का ऋण भार कम

  • सार्वजनिक ऋण पर एन-के-सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर जबकि केंद्र सरकार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात के कुल ऋण भार में कमी लाने में सफल रही है, वहीं राज्य सरकार के ऋण भारिता में बढ़ोत्तरी हुई है।

संपादकीय ***

  • वर्तमान समय में केंद्र और राज्य स्तर पर ऋण भार में जो बढ़ाव आया है उसमें ढांचागत विकास, कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय और कर्जमाफी प्रमुख कारक हैं। राज्यों में इसके लिए उदय योजना (Ujwal Discom Assurance Yojana - UDAY), किसानों की कर्जमाफी और नए वेतन आयोग को लागू करना मुख्य रूप ....
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