राजभाषा हिंदी तथा भारतीय संविधान

पूर्वोत्तर के कई संगठनों ने क्षेत्र में 10वीं तक हिंदी को अनिवार्य करने के केंद्र के प्रस्ताव का हाल ही में विरोध किया तथा सरकार से अपने कदम पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

  • अवगत करा दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों में कक्षा 10 तक हिंदी अनिवार्य कर दी जाएगी।
  • हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि हिंदी को अंग्रेजी का विकल्प होना चाहिए न कि स्थानीय भाषाओं का।

पूर्वोत्तर राज्यों में शैक्षिक भाषा के रूप में हिंदी

उल्लेखनीय ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री