भारत में पोषण सुरक्षा : 2030 तक खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर स्थानांतरण
उचित पोषण को विकास का एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है, इसके विपरीत अल्पपोषण मनुष्य के स्वास्थ्य को विपरीत रूप से प्रभावित करता है। अल्पपोषण, सामाजिक-आर्थिक न्याय में बाधक भी बनता है तथा यह गरीब और विकासशील देशों के स्वास्थ्य पर संसाधन खर्च का बोझ बढ़ाता है। सरकार के खाद्य सहायता कार्यक्रमों और नीतियों को सही तरह से लागू कर वंचित वर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। साथ ही आहार एवं पोषण से संबंधित चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करना होगा, ताकि भूख और अल्पपोषण की समस्या का समाधान किया जा सके।
संपादकीय डेस्क
फरवरी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 भारत में सामाजिक उद्यमिता : उदय, प्रभाव एवं संभावनाएं - महेंद्र चिलकोटी
- 3 ब्रिक्स समूह : बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत के लिए अवसर एवं चुनौतियां - आलोक सिंह
- 4 बायो -ई3 नीति : बायो- मैन्युफैक्चरिंग में नवाचार और धारणीयता को बढ़ावा - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 5 भारत में खाद्य सुरक्षा विनियमों का सुदृढ़ीकरण - संपादकीय डेस्क
- 6 भारत एवं क्वाड : एक सुरक्षित एवं समृद्ध विश्व के लिए साझेदारी का विस्तार - आलोक सिंह
- 7 वैश्विक दक्षिण: उभरती चुनौतियां वैश्विक एवं प्रमुख अनिवार्यताएं - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 8 भारत-पोलैंड संबंध : रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग हेतु 'रणनीतिक साझेदारी' - संपादकीय डेस्क
- 9 सिविल सेवाओं में लेटरल एंट्री : एक विमर्श - आलोक सिंह
- 10 भारत-रूस संबंध: परिवर्तनशील वैश्विक व्यवस्था में साझेदारी का विस्तार - संपादकीय डेस्क
- 1 परिवहन क्षेत्र का विकार्बनीकरण : ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की आवश्यकता
- 2 भारत-ऑस्ट्रेलिया : बहुध्रुवीय हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वाभाविक भागीदार - (सतीश कुमार कर्ण)
- 3 मानवजनित पर्यावरणीय क्षति : न्यूनीकरण की आवश्यकता एवं उपाय
- 4 भारत में गरीबी : व्युत्पन्न मुद्दे एवं चुनौतियां
- 5 सामाजिक पूंजी : भूमिका, बाधाएं एवं संभावनाएं - (महेन्द्र चिलकोटी)
- 6 राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को लागू किए जाने की आवश्यकता - (डॉ. अमरजीत भार्गव)