रिक्यूजल ऑफ जजेस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा कि 'एक न्यायाधीश के किसी मामले में खुद को सुनवाई से अलग करने' (Recusal of a Judge) के कारणों की जांच की मांग करना, विशेषकर एक वादी द्वारा की गई ऐसी मांग, न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप होगा।

  • न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि यदि कोई न्यायाधीश मामले की सुनवाई से खुद को अलग करता है तो इसका सम्मान किया जाना चाहिए, भले ही इसकी वजह का खुलासा किया गया हो या नहीं।
  • न्यायालय ने कहा कि किसी न्यायाधीश पर इस तरह के कारणों को सार्वजनिक करने के लिए दवाब ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री