राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अस्थायी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई, 2022 को एक ऐतिहासिक फैसले में आईपीसी की धारा 124 ए (Section 124A of the IPC) के तहत राजद्रोह कानून (Sedition Law) से संबंधित सभी लंबित सुनवाइयों, अपीलों और कार्यवाहियों पर तब तक के लिए रोक लगा दी, जब तक केंद्र सरकार इसके प्रावधानों की पुनः जांच नहीं कर लेती।
- मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह भी कहा कि न्याय के हित में यह उम्मीद की जाती है कि राज्य व केंद्र सरकार आईपीसी की धारा 124 ए के विचाराधीन रहने के दौरान इस कानून के तहत ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गैर-गतिज युद्ध से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की जांच
- 2 भारतीय कानून के तहत मरणोपरांत प्रजनन पर कोई प्रतिबंध नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
- 3 बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- 4 दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय कोष (NFRD) स्थापित करने का निर्देश
- 5 ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव
- 6 कैदियों की निःशुल्क एवं समयबद्ध कानूनी सहायता : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- 7 कैदियों को जाति के आधार पर काम देना भेदभावपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट
- 8 नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार
- 9 ग्राम न्यायालयों की स्थापना की व्यवहार्यता पर चिंता: सुप्रीम कोर्ट
- 10 कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति के लिए 8 राज्यों को अवमानना नोटिस
- 1 प्रशासनिक अधिाकारी के इस्तीफ़े और बहाली संबंधी नियम
- 2 भारत में पुलिस सुधार
- 3 पूर्ण न्याय प्रदान करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति
- 4 मध्य प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण
- 5 नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड के परिसर का उद्घाटन
- 6 अंतरराज्यीय परिषद का पुनर्गठन
- 7 जम्मू एवं कश्मीर का नया परिसीमन लागू
- 8 जीएसटी पर कानून निर्माण की केंद्र एवं राज्य की शक्तियां