सतही एवं गहन पारिस्थितिकीवाद
भारत द्वारा लगातार भीषण गर्मी का सामना किया जा रहा है। विश्व के अधिकांश भागों में ग्रीष्म लहरें (Heat Waves) सैकड़ों वर्षो से एक वास्तविकता मानी जाती रही हैं। किंतु, हाल ही के समय में इनकी चरम स्थिति तथा दीर्घकालिक प्रभाव ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को उजागर किया है, जिनके संदर्भ में एक लंबे समय से चिंता जाहिर की जा रही थी।
- ऐसी स्थिति में, पर्यावरणीय दर्शन के दो पहलुओं- सतही एवं गहन पारिस्थितिकीवाद (Shallow and Deep Ecologism) के संदर्भ में विचार करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
- सतही एवं गहन पारिस्थितिकीवाद (Shallow and Deep Ecologism) से संबंधित अवधारणाओं का उद्भव ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 हाल ही में चर्चा में रहे महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र
- 2 हाल ही में चर्चा में रही महत्वपूर्ण वनस्पति एवं जंतु प्रजातियां
- 3 भारत की सबसे बड़ी सौर सेल बनाने वाली इकाई
- 4 महासागर समन्वय तंत्र (OCM) स्थापित करने हेतु समझौता
- 5 परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य में जीव-जन्तु सर्वेक्षण
- 6 भारत का सबसे बड़ा इंटरटाइडल बायोब्लिट्ज़ अभियान
- 7 चिड़ियाघर में भारत का पहला 'बायो बैंक'
- 8 लॉगरहेड कछुआ
- 9 अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन
- 10 टाइगर रिकवरी एमिड पीपल एंड पॉवर्टी
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 कोयला बिजली संयंत्र : अनुपालन की समय सीमा बढ़ाने की मांग
- 2 इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन ड्राफ्ट पर अधिसूचना
- 3 नवीकरणीय ऊर्जा हेतु संयुक्त राष्ट्र की पांच सूत्री योजना
- 4 जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन
- 5 नगरीय ऊष्मा द्वीप : कारण एवं प्रभाव
- 6 रामगढ़ विषधारी अभयारण्य : भारत का 52वां बाघ अभयारण्य अधिसूचित