सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - राष्ट्रीय सुरक्षा (जीएस पेपर-3)
संगठित अपराधा और आतंकवाद के बीच गठजोड़
संगठित अपराध किसी भी देश के कानून व्यवस्था की कमी का लाभ उठा कर अपने कार्य को संचालित करते है। वहीं आतंकवाद हिंसा का सहारा लेकर अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है। संगठित अपराध और आतंकवाद शांति एवं लोक व्यवस्था को क्षति पहुंचाते है।
- संगठित अपराध और आतंकवाद भारत सहित संपूर्ण विश्व के समक्ष चुनौती उत्पन्न करते है। वर्तमान में समपूर्ण वैश्विक स्तर पर संगठित अपराध को नियंत्रित करने पर आम सहमती है। परन्तु वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की परिभाषा एवं इसे नियंत्रित करने के संबंध में सहमती नहीं है। ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत की व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता
- 2 भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में सेमीकंडक्टर की भूमिका
- 3 अंतरिक्ष युद्ध: उभरती सुरक्षा चुनौतियां
- 4 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सुरक्षा खतरे
- 5 डेटा सुरक्षा: चुनौतियां एवं सरकारी पहलें
- 6 सीमा पार साइबर हमले: भारत की सुरक्षा पर प्रभाव
- 7 आतंकवाद और संगठित अपराध के मध्य गठजोड़
- 8 मॉब लिंचिंग: कारण, रोकथाम एवं शमन रणनीतियां
- 9 धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) और इसकी प्रासंगिकता
- 10 भारत में मादक पदार्थों की तस्करी