प्रवासी मजदूर संकट: कारण एवं समाधान

  • 24 मार्च, 2020 को भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के प्रसार की दर धीमी करना था। लॉकडाउन के साथ ही सभी उद्योग-धंधे एवं बाजार बंद हो गए। इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के समक्ष अस्तित्व का संकट पैदा हो गया। इससे शहरों एवं औद्योगिक प्रदेशों से गांवों की तरफ बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों का प्रवसन होने लगा। विशेषज्ञ इसे ‘रिवर्स माइग्रेशन’ की संज्ञा देते हैं।
  • सरकार द्वारा इस समस्या का पहले से ही अंदाजा न लगा पाने तथा तैयारी न कर पाने के कारण यह समस्या और गंभीर हो गई। इसके फलस्वरूप सर्वोच्च ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री