बासव जयंती-2019
7 मई, 2019 को 12वीं शताब्दी के हिंदू कन्नड़ कवि बासवन्ना के जन्मदिन पर बासव जयंती मनाई गई। यह पारंपरिक रूप से लिंगायतों द्वारा मनाया जाता है, जिसे दक्षिण भारत में वीरशैव भी कहा जाता है।
बासवन्ना से संबंधित मुख्य तथ्य
- बासवन्ना, 12वीं सदी में कर्नाटक के कलचुरी वंश के राजा बिज्जला प्रथम के शासनकाल के दौरान एक दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, कन्नड़ कवि और एक समाज सुधारक थे।
- बसवन्ना ने अपनी कविता के माध्यम से सामाजिक जागरुकता का प्रसार किया, जिसे वाचनाओं (Vachanaas) के रूप में जाना जाता है। बासवन्ना ने लैंगिक या सामाजिक भेदभाव, अंधविश्वास आदि का विरोध किया।
- उन्होंने वीरशैव नाम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 वांगला महोत्सव
- 2 ओडिशा की बाली यात्रा उत्सव
- 3 मैसूरु संगीत सुगंध महोत्सव
- 4 प्रथम बोडोलैंड महोत्सव
- 5 8वां अंतरराष्ट्रीय प्राचीन कला महोत्सव एवं संगोष्ठी
- 6 प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन
- 7 गुरु नानक देव की 555वीं जयंती
- 8 जनजातीय लोक नायक बिरसा मुंडा
- 9 आन्ध्र प्रदेश में ब्राह्मी अभिलेख के साक्ष्य
- 10 16वीं शताब्दी के ताम्रपत्र अभिलेख की खोज