सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (चतुर्थ प्रश्न-पत्र)

1. ‘‘असंतुष्ट मनुष्य संतुष्ट सूअर से बेहतर होता है और असंतुष्ट सुकरात संतुष्ट मनुष्य से।’’ अपने मत के संदर्भ में इस कथन के अर्थ एवं औचित्य का परीक्षण करें।

उत्तरः वास्तव में एक पशु की प्रकृति भोग और काम में ही सुख प्राप्त करने की रहती है, जबकि एक मनुष्य भोग और काम के अतिरिक्त खेल, साहित्य, ऐश्वर्य आदि में भी सुख खोजता है।
  • चूंकि सभी क्षेत्रों में मनोवांछित परिणाम मिलना संभव नहीं होता इसलिए मनुष्य प्रायः असंतुष्ट रहता है, किंतु उसकी प्रवृत्तियां एवं संतुष्टि प्राप्त करने के विषय पशु से श्रेष्ठ हैं।
  • इसी प्रकार एक ज्ञानी, परोपकारी, पुरुष सदैव ज्ञान की ....
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