पश्चिमी घाटपारिस्थितिक असंतुलन एवं संरक्षण
डॉ. अमरजीत भार्गव
भूमि उपयोग नीति और कानून प्रवर्तन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी मानवीय क्रियाओं पर रोक लग सके, जो जैव-विविधता संरक्षण में बाधक हैं। पश्चिमी घाट के संरक्षण के प्रयासों और विकास के बीच संतुलन की मांग की जानी चाहिए और संबंधित राज्य सरकारों को पश्चिमी घाट में पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रें के निर्धारण में आम सहमति बनानी चाहिए।
हाल ही में पुणे स्थित अगरकर शोध संस्थान के वैज्ञानिकों ने महाराष्ट्र तथा कर्नाटक राज्यों के पश्चिमी घाट वाले क्षेत्र में ‘पाइपवर्ट्स’ (Pipeworts) की दो नई प्रजातियों की खोज की। इनके आकार ....
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