वेस्ट टू वेल्थ : औद्योगिक विकास एवं ऊर्जा सुरक्षा में अपशिष्ट प्रबंधान की भूमिका - नवीन चंदन
वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth), महज एक संकल्पना नहीं बल्कि वर्तमान समय में भारत की एक आवश्यकता है। देश में उत्पन्न 75% अपशिष्ट पुनर्चक्रण योग्य होता है, परन्तु यहां कुल उत्पादित कचरे का मात्र 30% भाग ही पुनर्चक्रित किया जाता है। अतः अपशिष्ट के पुनर्चक्रण हेतु उद्योगों को प्रोत्साहित करने, जागरूकता में वृद्धि करने तथा नवीन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
वेस्ट टू वेल्थ का तात्पर्य अपशिष्ट के पुनर्चक्रण एवं प्रसंस्करण द्वारा पुनः प्रयोग में लाए जाने की संकल्पना से है। इसके माध्यम से निर्मित ऊर्जा से ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उद्योगों को कच्चे माल की ....
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