उ. प्र. पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 निबंध मॉडल प्रश्न-पत्र (खंड अ)

साहित्य, सभ्यता का पथप्रदर्शक तथा संस्कृति का संरक्षक है।

“सहित्यस्य भावः साहित्यम्” अर्थात जिसमें हित की भावना सन्निहित हो, वही साहित्य है। व्यापक अर्थों में साहित्य में विश्व कल्याण की भावना निहित होती है, जिसके माध्यम से मानव सभ्यता के इतिहास, गौरव, संस्कृति एवं पूर्वजों के रीति-रिवाजों का साक्षात्कार होता है। साथ ही साहित्यकार जिस समाज में रहता है, उसकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था का भी भास होता है। वह उस समाज की अवस्था, वातावरण, धर्म-कर्म, रीति-नीति तथा सामाजिक शिष्टाचार एवं लोक व्यवहार को अपने काव्य के उपकरण के रूप में चुनता है और ....

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