डिजिटल शासन में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी भूमिका, जोखिम एवं रणनीति
पिछले डेढ़ दशक से भारत ने शासन प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किये हैं। वर्ष 2006 में ‘राष्ट्रीय ई-शासन योजना' के प्रारंभ से लेकर वर्ष 2015 में ‘डिजिटल इंडिया' तक भारत की शासन प्रक्रिया में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का व्यापक विकास हुआ है। इस प्रक्रिया में नए प्रतिमान की स्थापना के लिए सरकार डिजिटल शासन से संबंधित बुनियादी ढांचे में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए मॉडल प्रारूप लेकर आई है, ताकि डिजिटल शासन को और अधिक लागत प्रभावी, दक्ष तथा नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाया जा सके।
महेंद्र चिलकोटी
इलेक्ट्रॉनिक्स ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 भारत में कौशल अंतराल
- 3 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम विनियामक निगरानी : भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - आलोक सिंह
- 4 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 5 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 6 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 7 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 8 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 9 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह

- 1 भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र अवसर, चुनौतियां एवं विकास हेतु प्रयास
- 2 महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु : आलोचनात्मक विश्लेषण
- 3 भू-विरासत स्थल: महत्व तथा संरक्षण के प्रयास
- 4 बदलती विश्व व्यवस्था में भारत-रूस संबंध
- 5 ईएसजी फ्रेमवर्क : सहभागी एवं धारणीय कॉरपोरेट शासन का स्तंभ
- 6 डेटा संरक्षण कानून : औचित्य तथा चुनौतियां