सेबी ने प्रमुख कृषि फ़सलों के वायदा कारोबार को निलंबित किया
हाल ही में बाजार विनियामक ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’(SEBI) ने कुछ कृषि जिंसों में वायदा कारोबार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है, ताकि इनकी बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण किया जा सके।
- इस संदर्भ में धान (गैर-बासमती), गेहूं, बंगाल चना (चना दाल), सरसों और उसके डेरिवेटिव, सोयाबीन और उसके डेरिवेटिव, कच्चे पाम तेल और हरी चना (मूंग दाल) में व्यापार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
डेरिवेटिव क्या हैं?
डेरिवेटिव्स एक अनुबंध है जो एक अंतर्निहित संपत्ति की इकाई के प्रदर्शन से अपना मूल्य प्राप्त करता है। आम तौर पर, स्टॉक, बॉन्ड, मुद्रा, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज का पुनर्वर्गीकरण
- 2 पंजाब में पोटाश खनन: नई संभावनाएं
- 3 ई-नाम प्लेटफॉर्म का विस्तार: 10 नई वस्तुएं और व्यापार योग्य मापदंड शामिल
- 4 असम के जोगीघोपा में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल का उद्घाटन
- 5 शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को 'चैलेंज मोड' में विकसित करने का लक्ष्य
- 6 भारत ने रक्षा उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया
- 7 भारत: विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण केंद्र
- 8 बजट 2025-26: कपड़ा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
- 9 केंद्रीय बजट में MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु नए प्रावधान
- 10 बीमा क्षेत्र में FDI सीमा बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव

- 1 ग्रामीण पर्यटन के विकास हेतु राष्ट्रीय रणनीति का ड्राफ्ट
- 2 भूमि अधिग्रहण परियोजनाओं के लिए एमआईएस पोर्टल लॉन्च
- 3 एल्गो ट्रेडिंग पर नए मानदंडों की घोषणा
- 4 जुलाई-सितंबर तिमाही में घटा भारत का चालू खाता घाटा
- 5 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
- 6 सरकार ने नकारात्मक आयात सूची नीति में किया परिवर्तन
- 7 भारत की चीनी निर्यात सब्सिडी पर डब्ल्यूटीओ विवाद
- 8 बहुराज्य सहकारी समितियां अधिनियम 2002 में संशोधान का निर्णय