आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर
हाल ही में, इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों में मलेरिया पैदा करने वाले परजीवियों के विकास को धीमा करने में सफलता प्राप्त की है। यह मनुष्यों में मलेरिया के संचरण को रोकने में भी मदद कर सकता हैं।
मुख्य बिंदु
- शोधकर्ताओं ने क्रिस्पर-कैस-9 (Crisper-Cas-9) आधारित जीन ड्राइव तकनीक (Gene Drive Technology) का प्रयोग किया है। जीन ड्राइव तकनीक वांछित जीन को एक पीढ़ी से मच्छोरों की दूसरी पीढ़ी में स्थांतरित करने में सहायक रही है।
- मनुष्यों में मलेरिया पैदा करने वाले परजीवी मादा मच्छर के आंत (guts) में पैदा होते हैं। वैज्ञानिकों ने इन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 राष्ट्रीय नदी यातायात एवं नौवहन प्रणाली का शुभारंभ
- 2 भारतीय AI मॉडल
- 3 विश्व का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन इंजन
- 4 भारत की पहली रोबोटिक टेलीसर्जरी
- 5 बिग डेटा पर संयुक्त राष्ट्र समिति
- 6 एक्सिओम-4 मिशन
- 7 स्वदेशी माइक्रो-मिसाइल प्रणाली ‘भार्गवास्त्र’
- 8 भारत यूरोड्रोन कार्यक्रम में शामिल
- 9 उन्नत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (BSS) 'संजय' का शुभारंभ
- 10 स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल: नाग Mk 2