मिशन कर्मयोगी : प्रभावी जन-केंद्रित सिविल सेवा के निर्माण हेतु क्षमता विकास आवश्यक

नौकरशाही (Bureaucracy) सरकार की एक स्थायी शाखा है, जो प्रशासन की रीढ़ है। इसलिए भारत में सिविल सेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। बदलते भारत के लिए सिविल सेवकों के दृष्टिकोण में बदलाव की भी आवश्यकता है, जो सत्यनिष्ठा (Integrity), वस्तुनिष्ठता (Objectivity), नेतृत्व क्षमता (Leadership) के साथ प्रौद्योगिकी दक्षता तथा नवप्रवर्तनशीलता (Innovation) जैसे गुणों से परिपूर्ण हो। इन सभी गुणों के विकास हेतु सिविल सेवकों में दक्षता निर्माण एवं कौशल अभिक्षमता का विकास करना समय की मांग है।

- नवीन चंदन

मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों के कौशल निर्माण एवं क्षमता विकास (Capacity Building) से जुड़ी एक राष्ट्रव्यापी ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री