दल-बदल विरोधी कानूनः आलोचनात्मक विश्लेषण

पश्चिम बंगाल विधान सभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने दलबदल से जुड़े एक मामले में कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

  • कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने हाल ही के आदेश में कहा था कि विधान सभा अध्यक्ष को 3 महीने के भीतर एमएलए मुकुल रॉय की अयोग्यता से संबंधित मामले पर निर्णय लेना होगा।
  • विधायक मुकुल रॉय भाजपा के टिकट पर 2021 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे तथा बाद में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

दलबदल विरोधी कानून

52वें संविधान संशोधन 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री