भारत में ई-अपशिष्ट प्रबंधन : प्रयास एवं चुनौतियां
20 मई, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रलय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) ने जनता की प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना (Draft Notification for Electronic Waste Management) जारी की। ‘ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर-2017’ (Global E-Waste Monitor 2017) के अनुसार, भारत सालाना लगभग 2 मिलियन टन ई-कचरा या ई-अपशिष्ट उत्पन्न करता है तथा अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद ई-कचरा उत्पादक देशों में 5वें स्थान पर है।
- वैश्विक स्तर पर बेसल अभिसमय (1992) को संशोधित ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट मतभेद के मुद्दे एवं भविष्य की राह
- 2 भारत में भूख एवं कुपोषण की स्थिति चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक
- 3 शंघाई सहयोग संगठन भारत के लिए रणनीतिक महत्व एवं चुनौतियां
- 4 आयुष चिकित्सा पद्धति सम्पूर्ण मानव स्वास्थ्य की कुंजी
- 5 एक राष्ट्र-एक चुनाव: बेहतर चुनावी विकल्पों की खोज में सर्वदलीय सहमति आवश्यक
- 6 पीएम ई-ड्राइव योजना चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बेहतर कदम
- 7 भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास सतत आपूर्ति तथा रणनीतिक चिताओं को संबोधित करने के लिए आवश्यक
- 8 बांग्लादेश में राजनीतिक संकट तथा भारत: द्विपक्षीय संबंधों के साथ क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा
- 9 भारत में अंग प्रत्यारोपण की स्थिति: सुगम संचालन प्रक्रिया हेतु उपयुक्त नीति की आवश्यकता
- 10 क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी महत्व, चुनौतियां एवं पहलें